नई ‌‌‌‌‌‌इबारत

मंगलवार, 24 नवंबर 2009

कपूर गौरम करूणावतारम

कविता कोश, एक मुक्त ज्ञानकोष से
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कपूर गौरम करूणावतारम
संसार सारम भुजगेन्द्र हारम
सदा वसंतम हृदयारविंदे
भवम भवानी सहितं नमामि


मंगलम भगवान् विष्णु
मंगलम गरुड़ध्वजः |
मंगलम पुन्डरी काक्षो
मंगलायतनो हरि ||


सर्व मंगल मांग्लयै
शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी
नारायणी नमोस्तुते ||


त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देव


कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा
बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात
करोमि यध्य्त सकलं परस्मै
नारायणायेति समर्पयामि ||


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेव |
जिब्हे पिबस्व अमृतं एत देव
गोविन्द दामोदर माधवेती ||

गुरुवार, 19 नवंबर 2009

निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष भंवरसिंह शेखावत

गांव, गरीब और किसान की सेवा हमारा लक्ष्य

निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष भंवरसिंह शेखावत का स्वागतगरीब और ल ाु सीमांत किसानों तक सहकारी बैंक पहुंचे और उनके आर्थिक कल्या ा का मा यम बने यह हमरा लक्ष्य होगा। म यप्रदेश रा य सहकारी अपे स बैंक के पहले गैर कांग्रेसी एवं पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भंवरसिंह शेखावत ने निर्विरोध अ यक्ष निर्वाचित होने के बाद यह बात अपने पहले उद्बोधन में कही।पचास साल के बाद भाजपा का अपे स बैंक में परचम लहराते हुए भंवरसिंह शेखावत ने अपने नवनिर्वाचित संचालक मंडल तथा नवनिर्वाचित उपा यक्ष कैलाश सोनी एवं ाीमती सरिता सिंह के साथ स्वागत समारोह एवं प ाकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जब से भाजपा के सहकारी कार्यकर्ताओं के हाथ में सहकारी संस्थाओं की कमान आई है तब से उनके हालात बदले हैं और वर्षों से ााटे में चल रही बैंक न केवल ााटे से उबरी हैं बल्कि अब वे फायदे में चल रही हैं। उ होंने कहा कि नेतृ व बदला है लोगों की मानसिकता बदली है इसलिए परि ााम भी सकारा मक आए हैं। उ होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि सहकारी बैंकों को नए दौर में नया कलेवर, नई संभावनाओं के साथ नए क्षे ा में उतारा जाए। यह इसलिए जरूरी है ताकि जिस गांव, गरीब और किसान की सेवा में सहकारी बैंक लगा है उसे हम बेहतर से बेहतर सेवा दे सकें उनकी प्रगति में सहायक बन सके। ाी शेखावत ने कहा कि सहकारी आंदोलन को सुदृढ़ बनाने में मु यमं ाी शिवराजसिंह चौहान ने जिस दृढ़ इच्छाशक्ति से काम किया है उससे हम सभी सहकरी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। उ होंने कहा कि पूर्ववर्ती गैर भाजपा सरकारों ने सहकरी क्षे ा को उसके उद्देश्यों के विपरीत शोष ा का अड्डा बना रखा था। सोलह-स ाह प्रतिशत याज दर पर उ हें ऋ ा दे रहे थे। कर्ज के बोझ से हमारे किसानों की कमर टूट गई। इससे खेती किसानी उनके लिए एक ााटे की खाई बन गई थी। शिवराजसिंह चौहान ने खेती को लाभ का धंधा बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए पहले याज दर को सात प्रतिशत किया, फिर पांच प्रतिशत अब उ होंने 3 प्रतिशत याज दर पर किसानों को ऋ ा देने का र्नि ाय लिया और इससे प्रदेश के किसानों को राहत मिली है। उनका बोझ कम हुआ है और अब आने वाले दिनों में उनके लिए कृषि फायदे का व्यवसाय बनेगा।पचास साल बाद अपे स बैंक में गैर कांग्रेसी पहले भाजपा के निर्वाचित अ यक्ष
भंवरसिंह शेखावत बाइसवें अ यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गएपूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत 1958 याने पचास साल के बाद पहले गैर कांग्रेसी होंगे जो सहकारिता की शीर्ष संस्था अपे स बैंक के विधिवत निर्वाचित अ यक्ष चुने गए हैं। आज सुबह संचालक मंडल के पंद्रह सदस्यों ने ाी शेखावत को निर्विरोध अ यक्ष चुना।म यप्रदेश के सहकारिता के क्षे ा में आज का दिन इसलिए भी ऐतिहासिक है योंकि 23 फरवरी 1958 के बाद पहली बार सहकारिता की शीर्ष संस्था अपे स बैंक के अ यक्ष पद पर भंवरसिंह शेखावत गैर कांग्रेसी अ यक्ष होंगे, जिनका निर्वाचन लोकतां िाक तरीके से हुए है। 1958 में के.पी. पांडे अपे स बैंक के पहले अ यक्ष बने थे। उसके बाद 1972 में एल.पी. भार्गव अ यक्ष बने। ये सभी कांग्रेस से संबंद्ध रहे हैं। 1977 में जब प्रदेश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो डॉ. एम.पी. स सेना को बैंक का ओ.आई.सी. बनाया गया। एक माह बाद ही सुंदरलाल पटवा को अपे स बैंक का अ यक्ष मनोनीत किया गया। इसके चार दिन बाद ही कानूनी पेंचदिगियों के चलते डॉ. एम.पी. स सेना पुन: ओआईसी एवं चेयरमेन मनोनीत हो गए। 28 अ टूबर 1980 को भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रदीप बैजल अ यक्ष बनाए गए। 31 दिसंबर 1980 को सुभाष यादव अपे स बैंक को अ यक्ष बने जो 1990 तक रहे। एक अगस्त 1990 को सुभाष यादव को त कालीन सरकार ने अनियमितताओं के चलते हटाकर पुन: भारतीय प्रशासनिक सेवा के शिवराज सिंह को अपे स बैंक का ओआईसी बना दिया। नवंबर 1990 में डॉ. एम.पी. स सेना, दिसंबर 1992 में आईएएस जे.एल. अजमानी, मई 1993 में आईएएस ए.के. सिंह, बैंक के ओआईसी सह अ यक्ष बने। जून 1993 में पुन: सुभाष यादव अपे स बैंक के अ यक्ष रहे जो 1996 तक रहे और फिर 1997 से 2004 तक निरंतर अपे स बैंक के अ यक्ष बने। बीच में पांच माह के लिए वर्ष 1996 में सूरज प्रकाश रजिस्ट्रार सहकारिता ओआईसी बने। 2004 से लेकर 2008 तक मनोज कुमार, डॉ. भागीरथ प्रसाद, व्ही.वी. धर्माधिकारी, आर.के. सवाई सभी आईएएस एवं बाद में सहकारिता मं ाी गोपाल भार्गव अपे स बैंक के मनोनीत अ यक्ष रहे।भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में पूर्व विधायक एवं त कालीन उपा यक्ष अपे स बैंक भंवरसिंह शेखावत को अ यक्ष मनोनीत किया गया। इसके साथ ही अपे स बैंक के संचालक मंडल एवं अ यक्ष पद पर विधिवत निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई। इसके परि ाामस्वरूप अपे स बैंक संचालक मंडल के निर्वाचन र्पू ा होने के बाद 19 नवंबर को भंवरसिंह शेखावत अपे स के 22वें अ यक्ष के रूप में विधिवत निर्विरोध निर्वाचन हुआ। ाी शेखावत के निर्वाचन ने अपे स बैंक के अ यक्ष में एक नया गैर कांग्रेसी अ यक्ष होने का पन्ना जोड़ते हुए एक नया इतिहास रच दिया।

सोमवार, 9 नवंबर 2009

शादीशुदा मर्द पसंद हैं बॉलीवुड अभिनेत्रियों को


शादी दो जवां धड़कनों का मेल होता है, जिसके लिए सदियों से युवा अवस्था में ही कुंवारें, नवयुवकों की शादी होती रही है और इसे ही हर एक ने स्वीकारा है। परंतु शादी होने के बाद यदि शादी होती है तो वह शादी नहीं समझौता होता है। जैसा की हमारी फिल्मी दुनिया में हो रहा है। बहुत जल्द विवाह बंधन में बंधने जा रही फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की शादी विवाहित राज कुंद्रा के साथ लगभग तय हो चुकी है। फिर एक बार बहस छिड़ गई है कि क्योंभाता है शादी शुदा मर्द इन फिल्मी बालाओं को....बहस है तो है... पहले भी ऐसा होता रहा।स्वप्न सुंदरी हेमा मालिनी ने न जाने कितने युवाओं का दिल तोड़कर विवाहित फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र से विवाह रचाया था। जबकि धर्मेंद्र की पत्नी के साथ उनके दो बेटे भी थे। उन्होंने तो धर्म परिवर्तन (मुस्लिम धर्म) में जाकर शादी की थी। यह तो प्रेम परवान की बात थी जिसे उन दोनों ने ताउम्र (अभी भी) दोनों अभिनेता व अभिनेत्री समय अंतराल के साथ आज देश का नेतृ व सांसद पति-पत्नी होकर कर रहे हैं। परंतु क्या ये नई-नई जोडिय़ां या सफलता हांसिल कर पाएंगी। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि अभिनेत्री करिश्मा कपूर जहां अभिषेक से शादी को तोड़कर तलाकशुदा संजय कपूर से विवाह रचाया और उसके पश्चात कई महिनों तक विवादों की खबरें उठती रहीं।


लंदन के कारोबारी राज कुंद्रा के साथ इस महीने विवाह के अटूट बंधन में बंधने जा रहीं अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी बॉलीवुड की उन अदाकाराओं में शुमार होने जा रही हैं, जिन्होंने विवाहित पुरुषों से प्रेम किया और फिर शादी की।हेमा मालिनी, श्रीदेवी और रवीना टंडन जैसी अभिनेत्रियों ने भी ऐसा ही किया था। दो साल पहले अंतरराष्ट्रीय रियलिटी शो 'बिग ब्रदर' में जीत हासिल कर ब्रिटेन में प्रसिद्ध हो चुकी शिल्पा की इसके कुछ ही समय बाद ही 34 वर्षीय करोड़पति कुंद्रा से मुलाकात हो गई थी। अब वह 22 नवम्बर को कुंद्रा से विवाह करने जा रही हैं।कुंद्रा, शिल्पा से मुलाकात से पहले ही अपनी पत्नी से अलग हो चुके थे, लेकिन उनकी पूर्व पत्नी ने सार्वजनिक तौर पर शिल्पा को उनकी शादी तोड़ने का दोषी करार दिया है। हालांकि शिल्पा का कहना है कि उन दोनों के आधिकारिक तौर पर अलग हो जाने के बाद ही उन्होंने कुंद्रा से मिलना-जुलना शुरू किया था।शिल्पा का कहना है, "ईमानदारी से कहूं, तो मैं पहले दिन से ही राज को पसंद करती थी, लेकिन मैं इस बात से इनकार करती थी। मैंने उनके सामने स्पष्ट कर दिया था कि जब तक वह तलाक नहीं ले लेते, तब तक हमारा रिश्ता दोस्ती से आगे नहीं जा सकेगा।" पहले भी कई फिल्म अभिनेत्रियों को सफल शादीशुदा पुरुषों से प्रेम हुआ है। इनमें से कुछ पुरुष अपनी पत्नियों से अलग हो चुके थे तो कुछ उन्हीं के साथ रह रहे थे।

बॉलीवुड की 'ड्रीमगर्ल' हेमा मालिनी को उनसे प्रेम हो गया था। धर्मेंद्र ने इस्लाम धर्म कबूल कर 1980 में हेमा से विवाह किया था। उनकी दो बेटियां ईशा और अहाना हैं। अपने समय के बहुचर्चित सितारे रहे धर्मेंद्र ने प्रकाश कौर से शादी की थी, जिनसे उनके चार बच्चे दो बेटियां और बेटे सन्नी और बॉबी देओल थे।


बॉलीवुड की पूर्व डांसर हेलन को भी विवाहित पटकथा लेखक सलीम खान से प्यार हो गया था। इसी तरह अभिनेत्री श्रीदेवी ने 1996 में दो बच्चों के पिता निर्माता बोनी कपूर से विवाह किया था। अभिनेत्री शबाना आजमी ने जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर से विवाह किया था, जबकि जावेद पहले ही हनी ईरानी से विवाह कर चुके थे। उनके पहली पत्नी से दो बच्चे फरहान और जोया हैं। करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, महिमा चौधरी ने भी विवाहित पुरुषों को ही अपनाया है। अभिनेत्री करीना कपूर भी इन दिनों अभिनेता सैफ अली खान के साथ समय गुजार रहीं हैं। सैफ तलाकशुदा हैं।